About Us
कुर्मांचल जनकल्याण एवं सांस्कृतिक समिति (रजि.) मयूर विहार-3 , की स्थापना सन् 1999 में हुई । मयूर विहार डी.डी.ए. फ्लैटों के आवंटन के साथ-साथ कुर्मांचली जनों का आना भी शुरू हुआ । शुरुआत में हमारी संख्या नाम मात्र थी । धीरे-धीरे हमारे लोगों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी होती रही । समिति के संस्थापक सदस्यों ने एक दूसरे से संपर्क कर , अपने लोगों की पहचान कर उन्हें जोड़ने का काम किया । अपनी लगन , कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों द्वारा कुर्मांचल जनकल्याण एवं सांस्कृतिक समिति की नींव सन् 1999 में रखी । इसके सदस्य कुमांंऊ क्षेत्र (जिले) के लोग ही हो सकते हैं । निरंतर साल दर साल कुर्मांचल परिवार में सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी होती रही । आज हमारे सदस्यों की संख्या लगभग 585 से ऊपर है । कुर्मांचल समिति आज एक मजबूत संगठन के साथ मयूर विहार-3 में स्थापित है ।
:उद्देश्य:
कुर्मांचल समिति का गठन प्रवासी कुर्मांचलियों को मयूर विहार में संगठित कर मेलजोल व भाईचारा बढ़ाने और सुख-दुख में शामिल होने के लिए किया गया । साथ ही अपने लोक पर्वों-त्योहारों को मिलजुल कर हर्षोल्लास के साथ मनाने और कुर्मांचली संस्कृति को अपने क्षेत्र में जीवंत रखने के लिए किया गया ।
:सांस्कृतिक कार्यक्रम :
समिति समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है । उसमें समाज के लोगों (महिला , पुरुष और बच्चों) का परस्पर सहयोग रहता है ।
:खेल:
आज के व्यस्त समय मेंं भी खेलों का अपना अलग महत्व है । खेल हमारे जीवन व स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । खेल बच्चों और युवाओं को समाज में सक्रिय करने का एक अहम माध्यम है । इसी को ध्यान में रखते हुए समिति ने खेल सचिव (मनोनीत) भी नियुक्त किए हैं । समिति समय-समय पर विभिन्न खेलों का आयोजन करती रहती है ।
26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) पर ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित करती है । इस अवसर पर कला व खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करती है । प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी करती है ।
:उत्तरैणी-मकरैणी:
उत्तरैणी पर्व पर मयूर विहार-3 , की दो बड़ी संस्थाएं कुर्मांचल जन कल्याण एवं सांस्कृतिक समिति और गढ़वाल भ्रात मंडल मिलकर दिल्ली सरकार के सौजन्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते हैं ।
उतरैणी पर्व कुर्मांचल में घुघुती त्यौहार के रूप में मनाते हैं । घुघुती पर्व पर कुर्मांचल समिति मां नंदा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रसाद रूप में घुघुत वितरण करती है ।
दिल्ली सरकार द्वारा गठित उत्तराखंड अकादमी द्वारा सन् 2019 मेंं प्रथम लोक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया । उसमें हमारे बाल कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना को सर्वश्रेष्ट प्रस्तुति घोषित किया गया । जिसकी प्रशंसा स्वयं मुख्य अतिथि माननीय मनीष सिसोदिया जी उप-मुख्यमंत्री (दिल्ली सरकार) द्वारा की गई ।
इंदिरापुरम में हर वर्ष आयोजित होने वाले “महाकौतिग उत्सव 2019” में कुर्मांचल समिति ने भाग लिया । वहां हमारे कलाकारों ने तृतीय स्थान प्राप्त कर समिति का मान बढ़ाया ।
:होली:
कुर्मांचल समिति प्रत्येक वर्ष होली पर होली भ्रमण पूरे मयूर विहार क्षेत्र में करती है । इसमें कुर्मांचली सदस्य एकत्रित होकर विधिवत पूजा अर्चना कर अपनी संस्कृति की परिचायक नंगर-निंशाण , मशक बीन , ढोल-दमांऊ के साथ अपनी पारंपरिक वेशभूषा में होली फेरी कर अपने सदस्यों के साथ होली मनाती है । हमारी होली फेरी कुर्मांचली रीति रिवाज , संस्कृति के साथ-साथ हमारी एकता , अन्य समुदाय के लोगों को प्रभावित करती है ।
:अखंड रामायण:
अखंड रामायण का आयोजन कुर्मांचल समिति प्रति वर्ष चैत्रमास के नवरात्रों पर करती है । इसमें गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित रामचरितमानस का संपूर्ण पाठ किया जाता है । पूर्ण आहूति के बाद भंडारा आयोजित किया जाता है । इसमें सभी कुर्मांचल वासी और क्षेत्र के सभी लोग आमंत्रित होते हैं ।
:रामलीला:
कुर्मांचल समिति सन् 2015 से प्रति वर्ष प्रभु मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की लीला का भव्य मंचन शरद (अश्विन) नवरात्रों में करती आ रही है । रामलीला मंचन में पात्र अभिनय , निर्देशन , संगीत और मंच संचालन आदि कुर्मांचल समिति के सदस्यों के द्वारा ही किया जाता है । इसके माध्यम से लोगों को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के आदर्शों : सत्य की असत्य पर , धर्म की अधर्म पर , नीति की अनीति पर विजय , व त्याग और बलिदान की शिक्षा प्राप्त होती है ।
प्रभु श्री रामजी की कृपा से कुर्मांचल समिति को पहचान और ख्याति प्राप्त हुई ।
:भवन:
कुर्मांचल समिति ने अपना अस्थायी वरिष्ठ ग्रह सदन सन् 2018 में बनाया । वह पदाधिकारी मीटिंग और स्टोर के काम भी आता है ।
:मां नंदा देवी मंदिर:
समिति ने सन् 2019 में अपने सदस्यों के सहयोग से मां नंदा देवी मंदिर की स्थापना की । स्थापना दिवस पर भव्य आयोजन किया गया । मां नंदा देवी मूर्ति स्थापना पर कुर्मांचली रीति रिवाज के साथ मूर्ति स्थापित की गई । इस अवसर पर मां नंदा देवी की डोली यात्रा (कलश यात्रा) पूरे मयूर विहार में निकाली गई । ततपश्चात मां नंदा देवी मंदिर में भण्डारे का आयोजन किया गया ।
:उत्तरायणी स्मारिका:
स्मारिका का प्रकाशन अपने सदस्यों की जानकारी के लिए किया जाता है । नये सदस्यों की जानकारी हेतु समिति 4 से 5 वर्षों के अंतराल पर स्मारिका का प्रकाशन करती है । सन् 2006 में प्रथम , 2011 में द्वितीय , 2015 में तृतीय और चतुर्थ उतरायणी स्मारिका का प्रकाशन 2021 में हुआ ।
हमारी कुर्मांचली संस्कृति गंगा-जमुनी तर्ज पर चिरकाल से चलायमान एक हिमालयी संस्कृति है । जिसमें अटूट प्रेम , अपने कार्य के प्रति जुनून , कर्तव्यनिष्ठा , आपसी सौहार्द , समर्पण भाव सहित समाजोत्थान के कई परंपराओं का समावेश है । इसी संस्कृति और परंपराओं के साथ हम कुर्मांचल समिति को एक नयी पहचान देने की कोशिश रहे हैं ।
हम सभी यहां कुर्मांचल के अलग-अलग जिलों से आए भाई लोग अपनी कर्तव्य परायणता , ईमानदारी , निष्ठा व जुझारुपन का पर्याय बन एकजुटता से आवाज बुलंद कर मयूर विहार-3 में अपनी विशिष्ट पहचान के साथ दिल्ली में स्थापित हैं और उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर हैं ।